Wednesday, 30 October 2024

विज्ञात विशाखा छंद


 2 विज्ञात विशाखा छंद 

शिल्प विधान 

समपाद मात्रिक छंद की शृंखला में विज्ञात विशाखा छंद के चारो चरणों में मात्रा भार समान रहेगा। प्रत्येक चरण में 17,17 मात्रा रहेंगीं। प्रत्येक चरण के अंत में लगा अनिवार्य रूप से स्थापित करना होगा।

यदि इस छंद के शिल्प विधान को वर्णिक दृष्टिकोण से समझना है तो यह स्पष्ट वाचिक मात्रा भार और शुद्ध वर्णिक छंद के रूप में भी मान्य रहेगा।

जगण यगण तथा तगण से प्रारम्भ वर्जित रहेगा।

22 22 22 212, 22 22 22 212

22 22 22 212, 22 22 22 212

उदाहरण देखते हैं ... 


1

पहन चले हैं भगवा रंग जो, उनके सम्मुख शीश झुकाइये।

वीर हुतात्माओं की शक्ति ये, इनकी जय जयकार लगाइये।।


2

कलयुग के संकट मोचन कहे, मिलके जै बोलो हनुमान की, 

सिंदूरी चोला तन पे सजे, माया अनुपम कृपा निधान की।।




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