Sunday 25 October 2020

विज्ञात सिद्धि छंद विधान उदाहरण सहित


 आज शारदीय नवरात्रि की नवम तिथि जो सिद्धिदात्री माता को समर्पित रहती है माँ वीणापाणि की कृपा दृष्टि मंच पर आज भी देखने को मिली है 

अब तक मंच पर आप सभी के समक्ष प्रकाश में जो छंद आये हैं। इन छंदों में यथा शक्ति, यथा सामर्थ्य आप सभी ने सृजन का सार्थक प्रयास किया है। आप सभी ने जितने मनोवेग से इन्हें लिखा है उतने ही ये सरल लगने लगे हैं। इन नूतन छंदों के सृजन में आपने जो अपनत्व, स्नेह, सम्बल सहित स्नेहाशीष मुझे प्रदान किया मैं कृतज्ञ हूँ। और बड़े हर्षित हृदय के साथ यह कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ। 


कलम की सुगंध छंदशाला प्रमुख मंच संचालिका अनिता मंदिलवार सपना, विज्ञात नवगीत माला प्रमुख मंच संचालिका नीतू ठाकुर विदुषी एव दिवस संचालिका पूजा शर्मा सुगंध सहित अन्य सभी मंच संचालक एवं दिवस संचालक के विशेष सहयोग से छंद विकास का यह प्रथम आयोजित नवरात्रि महोत्सव आज सम्पन्न होने जा रहा है जिसमें समीक्षक समूह में बाबूलाल शर्मा बौहरा विज्ञ, बोधन राम निषाद राज, साखी गोपाल पण्डा, कन्हैया लाल श्रीवास आस, नवनीत चौधरी, डा. कमल वर्मा, कैलाश प्रजापति सुमा, अजय गुप्ता, डा. आदेश कुमार पंकज सहित इंद्राणी साहू साँची, अनिता सुधीर आख्या, चमेली कुर्रे सुवासिता, सरोज दुबे विधा ने कलम की सुगंध छंदशाला में समीक्षा देते हुए मंच को चार चांद लगाने के उत्तम प्रयास किये। परिणाम स्वरूप यह आयोजन सफल हो सका। माँ वीणापाणि को साष्टांग प्रणाम पश्चात मंच पर उपस्थित मुख्य अतिथि वीरेंद्र सिंह चौहान उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रन्थ अकादमी का हार्दिक आभार प्रकट करता हूँ जिन्होंने अपने बहुमूल्य समय में से कुंदन सा बहुमूल्य समय मंच को प्रदान कर आप सभी के सृजन का अवलोकन किया और छंद विकास का यह कार्यक्रम पूरे मनोवेग से देखा और सराहा। तत्पश्चात सादर आभार डॉ. अनीता भारद्वाज अर्णव जी का जिन्होंने इस पूरे कार्यक्रम को ध्यान से देखा और अपनी एक बाहरी टीम का गठन करके मंच पर प्रेषित छंदों के शिल्प और सृजन को बराबर समीक्षा कार्य किया जिससे इन छंदों की सार्थकता सिद्ध हो सके ऐसे पी एच डी डॉक्टरेट समूह के द्वारा इस कार्य को करवाया जा रहा है। नमन सहित पुनः आभार इतने श्रेष्ठ कार्य को।

छंदकार बाबूलाल शर्मा बौहरा विज्ञ द्वारा पूर्ण निष्ठा के साथ मंच पर आयोजित प्रत्येक गतिविधि में सम्मिलित होने और बढ़ चढ़ कर भाग लेकर अपने कार्यों को समय पर पूर्ण कर सभी छंदों के नामकरण में अहम भूमिका निभाने का दृश्य हृदय को गदगद तो करता ही है साथ में मंच पर उपस्थित प्रत्येक कवि को समय पर उपस्थित रहने का ज्ञान भी देता है। ऐसे कर्म योगी महा पुरुष बाबूलाल शर्मा बौहरा विज्ञ साहेब का विशेष आत्मीय आभार मंच पर प्रेरणा के केंद्र बिंदु बनकर सभी का मार्ग प्रशस्त करते रहें।


1 विज्ञात छंद आधार वर्ण संख्या 

2 विज्ञात योग छंद आधार मात्रा संख्या 

3 विज्ञात शक्ति छंद आधार मात्रा संख्या 

4 विज्ञात योगशक्ति छंद आधार मात्रा संख्या 


अब समय हो चला है आज के प्रदत्त छंद विषय के नामकरण का जिसका नामकरण माँ सिद्धिदात्री को समर्पित करते हुए उनसे आशीर्वाद की कामना करता हूँ कि जो भी पूर्ण निष्ठा के साथ कलम की सुगंध परिवार के साथ जुड़ते हैं उनकी लेखनी को विशेष लय प्रदान कर उनके सृजन को छंदोबद्ध बनाने की अनुकम्पा करती रहें।

तो माँ सिद्धिदात्री के आशीर्वाद को समर्पित आज का यह छंद जिसका नाम *विज्ञात सिद्धि छंद* (आधार मात्रा संख्या) नाम दिया जाता है।


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  *कलम की सुगंध : छंदशाला,संचालन मंडल*

.     👀👀 *पंच परमेश्वराय:नम:*👀

*आदरणीय वीरेन्द्र सिंह चौहान, हरियाणा ग्रंथ अकादमी की गरिमामय उपस्थिति में*

*छंद शाला के प्रबुद्ध छंद मर्मज्ञ- श्री बाबू लाल शर्मा बौहरा, विज्ञ , आ, नीतू ठाकुर विदुषी जी*

*आ. इन्द्राणी साहू साँची जी, सुशीला साहू विद्या जी, चमेली कुर्रे सुवासिता जी, कन्हैया लाल श्री वास जी, सरोज दुबे विधा जी, की समीक्षा व आ. अनिता मंदिलवार सपना जी की सहमति से*

*श्री राजकुमार धर द्विवेदी, साखी गोपाल पंडा जी, पूजा शर्मा सुगंध, बोधन राम निषादराज जी,  राधा तिवारी राधेगोपाल जी, धनेश्वरी जी,अनुपमा जी, अभिलाषा जी, अनिता भारद्वाज जी, सुधीर, अर्चना जी, नवनीत जी चौधरी, डाँ. कमल वर्मा जी, की विवेचना, समीक्षा व सहमति के आधार पर एवं पटल के सभी सुधि छंदकारों की इस छंद पर रचनाओं के आधार पर सर्वसम्मति से आज हिन्दी साहित्य हेतु एक नवीन छंद  "विज्ञात सिद्धि छंद"  को सहर्ष मान्यता प्रदान की जाती है।*

छंद--  🦢 *विज्ञात सिद्धि छंद* 🦢

.                 ( मात्रिक छंद)

.                    🦚🦚

छंद आविष्कारक- *श्री संजय कौशिक "विज्ञात"*

आज दिनांक 25.10.2020

सादर,🙏

*बाबू लाल शर्मा, बौहरा, विज्ञ*

.            वास्ते✍

*कलम की सुगंध: छंदशाला*


*विज्ञात सिद्धि छंद*

पर आज सृजन करने वाले रचनाकारों के नाम....  

1. आ. इंद्राणी साहू 'साँची' जीl

2.आ. डॉं आदेश कुमार पंकज जी l

3.आ. कन्हैया लाल श्रीवास जी l

4.आ. रानू मिश्रा जी l

5.आ. कुसुम कोठारी जी l

6.आ. डॉ ओमकार साहू 'मृदुल' जी l

7.आ. धनेश्वरी सोनी 'गुल' जी l

8.आ. सुखमिला अग्रवाल जी l

9.आ. अनुराधा चौहान 'सुधि' जी l

10.आ. पूजा शर्मा 

'सुगंध' जी l

11.आ. अनुपमा अग्रवाल 'वृंदा' जी 

12.आ. अभिलाषा चौहान 'सुज्ञ' जी l

13.आ. गुलशन कुमार साहसी जी l

14.आ. सरोज दुबे 'विधा' जी l

  15.आ. दीक्षा चौबे  जी l

16..आ. सीमा अवस्थी 'मिनि' जी l

17.आ. आरती श्रीवास्तव विपुला जी l

18.आ. धनेश्वरी देवांगन 'धरा' जी l

19.आ. डॉ. कमल वर्मा जी

20.,आ.सौरभ प्रभात जी

21. आ. डॉ मीता अग्रवाल जी

22. आ. दीपिका पाण्डेय जी

23. आ. परमजीत सिंह कहलूरी जी

24. आ. रीना सिंह जी

25. आ. राधा तिवारी 'राधेगोपाल' जी

26. आ. अनिता सुधीर 'आख्या' जी

 *छंद विधान:--*

यह छंद विज्ञात योग छंद और अर्ध विज्ञात शक्ति छंद के योग से लिखना है अर्थात 4 पंक्ति 8 चरण का है यह छंद 

10,8 

10,8 

8,10

8,10 

प्रथम चौकल चतुर्थ पंक्ति के आठवें चरण के अंत में प्रयोग अनिवार्य है। 

चतुर्थ चरण की तुकबंदी पंचम चरण की यति से पूर्व निभानी अनिवार्य है। ( ध्यान रहे पूर्ण चरण प्रयोग नहीं करना न ही वह तुक पुनः प्रयोग करना है केवल तुकबंदी निभानी है)

कुछ बंध उदाहरणार्थ देखें 


बनकर बासन्ती, यादें आती।

फिर पीर हृदय में, घात लगाती।।

राग सुनाती, कोयल ज्यूँ तनकर।

अन्तस् तड़पे, विरहन सी बनकर।।


पाकर वो चिठ्ठी, महक रही है।

कोयल सी बनकर, चहक रही है।

बहक रही है, फिर धुन वो गाकर।

आज पिया की, बस चिठ्ठी पाकर।।


अपना ये झण्डा, देख तिरंगा।

अम्बर भी झुकता, गाती गंगा।।

रिपु बेढंगा, तजता हर सपना।

लहरे झण्डा, जिस पथ पे अपना।।

---------------    *संजय कौशिक 'विज्ञात*


मंच संचालक

*आ. अनिता मंदिलवार सपना जी* 

कलम की सुगंध छंदशाला


मंच पर उपस्थित सभी कवि कवियित्रियों ने शुभकामना संदेश प्रेषित किए और गरूदेव संजय कौशिक 'विज्ञात' जी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए अग्रिम छंद का विधान प्रेषित किया।

Saturday 24 October 2020

विज्ञात योग शक्ति छंद विधान और उदाहरण


 आज नवरात्रि अष्टमी तिथि पर माता वीणापाणि ने अपनी असीम अनुकम्पा पुनः मंच पर दर्शाई है एक और नूतन छंद विषय के लिए आप सभी के समक्ष प्रकाश में आया और इस पर भी जम कर सृजन किया गया। आज के समीक्षा प्रभार से इंद्राणी साहू साँची और नीतू ठाकुर विदुषी तथा दिवस संचालक सरोज दुबे विधा ने बहुत मेहनत कर सभी साथियों को इस नूतन छंद का क्लिष्ट शिल्प विधान समझने में मार्गदर्शन कर सहयोग किया इसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है ।

मंच संचालिका अनिता मंदिलवार सपना के विशेष सहयोग से कार्यक्रम की नींव रखी जा सकी जिसका पूरे मंच को लाभ मिला बाबूलाल शर्मा विज्ञ द्वारा मंच पर पूर्व की तरह उपस्थिति प्रशंसनीय रही साखी गोपाल पण्डा समय समय पर सभी का उत्तम मार्गदर्शन करते रहे हैं कल भी हर्षित मन से उपस्थिति दी और आज भी कार्यक्रम को चार चांद लगाती हुई उपस्थिति परिवार में एक विशेष ऊर्जा का संचार करती दिखाई दी छंद के नामकरण की आवाज मंच से सुबह से ही सुनाई दे रही थी आप सभी की आवाज को छंद का नामकरण कर्त्ता डॉ. अनीता भारद्वाज अर्णव द्वारा न केवल सुना गया बल्कि उसे ही छंद का नाम दे दिया गया । जा से 

10,8 

10,8 

8,10

8,10 

8,10

8,10 

की मात्राओं वाले इस नूतन छंद को (कुल108  मात्राओं) विज्ञात योग शक्ति के नाम से जाना जाएगा जो आध्यात्मिक शक्ति से भी ओतप्रोत जान पड़ता है ऐसा प्रतीत होता है एक-एक मात्रा माँ वीणापाणि का सुमरण कर रही है। और आप सभी के मध्य उनका आशीर्वाद आज प्रकट हुआ है माँ वीणापाणि के स्नेहाशीष का आभार प्रकट करने के पश्चात 

मंच पर उपस्थित छंद मर्मज्ञ परिवार दैनिक विषय संचालक परिवार और सामीक्षक परिवार सहित मुख्य मंच संचालिका अनिता मंदिलवार सपना का आत्मीय आभार प्रकट करता हूँ साथ ही सभी रचनाकारों को जिन्होंने प्रदत्त विषय विज्ञात योग शक्ति छंद पर मनोहारी सृजन किया। दिवस संचालिका आदरणीया सरोज दुबे विधा द्वारा प्रदत्त सूची में आभार सम्मिलित किया जा रहा है सभी को सादर नमन 


दिनाँक -24/10/2020

दिन -शनिवार 

विधा -विज्ञात योग शक्ति छंद 

मात्रा भार ---10-8.... 8-10

*नमन गुरुदेव*🙏 

आदरणीय गुरुदेव जी 

संजय कौशिक 'विज्ञात'

जी के द्वारा अविष्कार कया गया नया  छंद 

*विज्ञात योग शक्ति छंद*

पर आज सृजन करने वाले रचनाकारों के नाम....  

1. आ. इंद्राणी साहू 'साँची' जी

2.आ. डॉं आदेश कुमार पंकज जी 

3.आ. कन्हैया लाल श्रीवास जी 

4.आ. रानू मिश्रा जी 

5.आ. कुसुम कोठारी जी 

6.आ. डॉ ओमकार साहू 'मृदुल' जी 

7.आ. धनेश्वरी सोनी 'गुल' जी 

8.आ. सुखमिला अग्रवाल जी 

9.आ. अनुराधा चौहान 'सुधि' जी 

10.आ. पूजा शर्मा 'सुगंध' जी 

11.आ. अनुपमा अग्रवाल 'वृंदा' जी 

12.आ. अभिलाषा चौहान 'सुज्ञ' जी 

13.आ. गुलशन कुमार साहसी जी 

14.आ. सरोज दुबे 'विधा' जी 

15.आ. दीक्षा चौबे  जी 

16..आ. सीमा अवस्थी 'मिनि' जी 

17.आ. आरती श्रीवास्तव विपुला जी 

18.आ. धनेश्वरी देवांगन 'धरा' जी 

19.आ. डॉ. कमल वर्मा जी

20. आ. पूनम दुबे 'वीणा' जी

21.आ. दीपिका पाण्डेय जी

22. आ. डॉ मंजुला हर्ष श्रीवास्तव 'मंजुल' जी

23. आ. नीतू ठाकुर 'विदुषी' जी

24. आ. रीना सिंह जी

25. आ. आरती मेहर 'रति' जी

26 आ. राधा तिवारी 'राधेगोपाल' जी



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  *कलम की सुगंध : छंदशाला,संचालन मंडल*

.     👀👀 *पंच परमेश्वराय:नम:*👀

*छंद शाला के प्रबुद्ध छंद मर्मज्ञ- श्री बाबू लाल शर्मा बौहरा, विज्ञ द्वारा*

*आ. इन्द्राणी साहू साँची जी, सुशीला साहू विद्या जी, चमेली कुर्रे सुवासिता जी, कन्हैया लाल श्री वास जी, सरोज दुबे विधा जी, की समीक्षा व आ. अनिता मंदिलवार सपना जी की सहमति से*

*श्री राजकुमार धर द्विवेदी, साखी गोपाल पंडा जी, पूजा शर्मा सुगंध, बोधन राम निषादराज जी,  राधा तिवारी राधेगोपाल जी, धनेश्वरी जी,अनुपमा जी, अभिलाषा जी, अनिता भारद्वाज जी, सुधीर, अर्चना जी, नवनीत जी चौधरी, डाँ. कमल वर्मा जी, की विवेचना, समीक्षा व सहमति के आधार पर एवं पटल के सभी सुधि छंदकारों की इस छंद पर रचनाओं के आधार पर सर्वसम्मति से आज हिन्दी साहित्य हेतु एक नवीन छंद  "विज्ञात योग शक्ति छंद"  को सहर्ष मान्यता प्रदान की जाती है।*

छंद--  🦢 *विज्ञात योग शक्ति छंद* 🦢

.                 ( मात्रिक छंद)

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छंद आविष्कारक- *श्री संजय कौशिक "विज्ञात"*

आज दिनांक 24.10.2020


 *विज्ञात योगशक्ति छंद विधान* -- जैसा कि नाम से ही विदित हो जाता है कि विज्ञात योग शक्ति छंद में दो नामों की आभा एक साथ प्रस्फुटित होती है। यह चमक इस छंद का स्वयं परिचय देने के लिए पर्याप्त है 

योग 10,8 मात्रा के चार चरण इसके पश्चात शक्ति के 8,10 मात्रा भार के 8 चरण इस छंद में लिखने हैं 6 पंक्ति 12 चरण में लिखा जाने वाला यह छंद अपना ही विशेष आकर्षण रखता है। इसके सृजन में विशेष बात जो ध्यान रखनी है वह यह है कि प्रत्येक चरण का अंत चौकल 112, 211, 22, 1111 अर्थात दो गुरु अनिवार्य हैं और *चतुर्थ चरण की तुकबंदी पंचम चरण में भी प्रयोग करनी अनिवार्य है* ध्यान रहे कि चतुर्थ चरण पूरा उठा कर यहाँ नहीं लिखना है कुण्डलियाँ की तरह 👈 केवल तुकबंदी निभानी है। *इस छंद के शिल्प की एक और विशेष बात यह है कि प्रथम चरण का प्रथम शब्द चौकल होना अनिवार्य है, यही प्रारम्भिक चौकल शब्द 12वें चरण का अंतिम शब्द होगा जैसे कुण्डलियाँ में प्रयोग करते हैं* ।

उदाहरणार्थ--

*अविरल* नित गङ्गा, बहती पावन।

माता सम नदिया, बड़ी *लुभावन*।।

आता *सावन*, बहती है कलकल।

रस्ता रोके, पर्वत ले छल-बल।।

चलती जाती, पर यह तो पल-पल।

समय कहे सुन, चल तू भी *अविरल*।।


*उलझन* की पतझड़, लगी झड़ी है।

बासन्ती खुशियाँ, शुष्क *घड़ी है*।।

दूर *खड़ी है*, देती अब तड़पन।

झांक रहा मन, फिर अन्तस् झड़पन।।

युक्ति नहीं है, पर ढूँढे सुलझन।

पड़े हुए जन, घेरे जब *उलझन*।।

---------------  *संजय कौशिक 'विज्ञात'*

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सादर,🙏

*अनिता मंदिलवार सपना*

*प्रमुख मंच संचालिका*

*कलम की सुगंध: छंदशाला*


*विज्ञात योग शक्ति छंद*

पर आज सृजन करने वाले रचनाकारों के नाम....  

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


*बाबू लाल शर्मा बौहरा विज्ञ*

वास्ते ✍

*कलम की सुगंध :: छंदशाला*

सभी का आभार व्यक्त करते हुए गुरुदेव संजय कौशिक 'विज्ञात' जी ने कहा  ....

पुण्यपावन मंच को सादर नमन आप सभी की उपास्थिति को सादर प्रणाम और इस उपलब्धि के माध्यम से कलम की सुगंध परिवार ने पुनः दिखा दिया है कि साहित्य को समर्पित छंदों के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में भी पूरे भारत में अग्रिम कतार में है ऐसे गर्वीले क्षण माँ वीणापाणि ने मंच को प्रदान कर हमें साहित्य जगत में सबसे आगे लाकर खड़ा कर दिया है। कलम की सुगंध हर छंदकार की अपनी ही कलम की सुगंध है हर रचनाकार की अपनी ही कलम की सुगंध है तो उसका महकना फैलना निश्चित ही सबको आनंद प्रदान करने वाला है।

आप सभी के प्रयास को सादर प्रणाम, वंदन नमन 🙏🙏🙏 माँ वीणापाणि को साष्टांग प्रणाम पश्चात कार्यक्रम के अंत अन्य मंच के संचालक परिवार समीक्षक परिवार को भी पुनः साधुवाद प्रेषित करता हूँ जिनका विशेष सहयोग आज के विषय को प्राप्त हुआ। 🙏



Friday 23 October 2020

विज्ञात योग छंद शिल्प विधान उदाहरण सहित देखें


विज्ञात योग छंद 
शिल्प विधान उदाहरण सहित देखें : *विज्ञात योग छंद*

 कलम की सुगंध के संस्थापक गुरुदेव संजय कौशिक 'विज्ञात' जी ने तृतीय छंद का अविष्कार किया जिसका नामकरण डॉ अनिता भारद्वाज 'अर्णव' जी ने किया। मुख्य मंच संचालिका अनिता मंदिलवार 'सपना' जी के शानदार संचालन में छंद मर्मज्ञ बाबुलाल शर्मा बौहरा 'विज्ञ' जी और संपूर्ण संचालक और समीक्षक मंडल ने अपनी सहमती प्रदान की। 200 से अधिक कवि और कवयित्रियाँ इस अविस्मरणीय क्षण के साक्षीदार बने और अनेकों ने इस शानदार छंद पर सृजन कर अपनी खुशी को जाहिर किया।

🌼🌼🌼🌼

  *कलम की सुगंध : छंदशाला,संचालन मंडल*

.     👀👀 *पंच परमेश्वराय:नम:*👀

*छंद शाला के प्रबुद्ध छंद मर्मज्ञ- श्री बाबू लाल शर्मा बौहरा,विज्ञ द्वारा*

*श्री राजकुमार धर द्विवेदी, साखी गोपाल पंडा जी, पूजा शर्मा सुगंध, बोधन राम निषादराज जी, इन्द्राणी साहू साँची जी,*

  *आ. नीतू जी,चमेली जी कुर्रे, राधा तिवारी राधेगोपाल जी, अनिता जी सुधीर, डॉ. अनीता भारद्वाज अर्णव जी, अनिता मंदिलवार जी, नवनीत जी चौधरी, डाँ. कमल वर्मा जी, की विवेचना, समीक्षा व सहमति के आधार पर एवं पटल के सभी सुधि छंदकारों की इस छंद पर रचनाओं के आधार पर सर्वसम्मति से आज हिन्दी साहित्य हेतु एक नवीन छंद  "विज्ञात योग छंद"  को सहर्ष मान्यता प्रदान की जाती है।*

छंद--  🦢 *विज्ञात योग छंद* 🦢

.                 ( मात्रिक छंद)

.                    🦚🦚

छंद आविष्कारक- *श्री संजय कौशिक "विज्ञात"*

आज दिनांक 23.10.2020

*छंद के लिए नियम*

1 इसकी मापनी 10,8 की यति के साथ दो पंक्ति 4 चरण में क्रमानुसार लिखा जाता है।

अर्थात प्रथम चरण और तृतीय चरण में मात्रा भार 10 रहेगा और द्वितीय और चतुर्थ चरण में मात्रा भार 8 रहेगा । 

दो चरण सम तुकांत हो।

चरणांत चौकल २२,११२,२११ या ११११ से होना अनिवार्य।

(८/१० मापनी का विज्ञात शक्ति छंद ही योग करता हुआ प्रतीत होता है इस छंद में जैसे शीर्षाभिमुख आसन करके योग मुद्रा को प्रदर्शित करता है।) कुल मिलाकर विज्ञात शक्ति छंद के उलट मात्रा भार इस छंद में स्थापित होता है।


ये पहरा भी कुछ उल्टा दिख रहा है वहाँ

उदाहरण:-

मापनी 10/8

वरती गुण शिक्षा, नित ही हरपल।  

आकर्षक कहते, उत्तम हलचल।। 


क्या योग पढ़ा है, लिखा समझले।

ऐसे योगी तो, अब हैं विरले।।


आडंबर तक फिर, कौन बचा है। 

रंगत गुण संगत, सदा रचा है।।। 


संजय कौशिक 'विज्ञात'

🙏🙏

*सादर*

*बाबू लाल शर्मा, बौहरा, विज्ञ*

.             वास्ते✍

*कलम की सुगंध: छंदशाला*

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आप सबने इसे भी विशेष बना दिया । नमन सहित माँ वीणापाणि की वंदना पश्चात आत्मीय आभार प्रकट करना नहीं भूला जा सकता कि उन्होंने इन नवरात्रों में आज द्वितीय अवसर स्थापित कर दिखाया कि माँ वीणापाणि का विशेष आशीर्वाद आपके इस विद्या के मंदिर पर है । माँ वीणापाणि से प्रार्थना है कि वे भविष्य में भी ऐसे आयोजन करवाती रहें 

🙏🙏🙏


*आज के प्रदत विषय पर रचना सृजन करने वाले कलमकारों का नाम*

१.आ.अनिता सुधीर जी

२. आ. कन्हैया लाल श्रीवास जी 

३. आ. सौरभ प्रभात जी 

४. आ. रानू मिश्रा जी

५. आ. डाँ मीता अग्रवाल जी

६. आ.  डाँ दीक्षा चौबे जी

७. आ. चंद्रा किरण शर्मा जी 

८. आ.  सुखमिला अग्रवाल जी

९. आ.  कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा' जी

१०. आ.  नीतू ठाकुर ' विदुषी' जी

११. आ.  सरोज दुबे 'विद्या' जी

१२. आ.  अभिलाषा चौहान जी 

१३. आ.  धनेश्वरी सोनी 'गुल' जी 

१४. आ.  डाँ सीमा अवस्थी 'मिनी  जी

१५. आ.  इन्द्राणी साहू 'साँची' जी

१६. आ.अलका जैन आनंदी जी

१७. आ.  शरद अग्रवाल जी 

१८. आ.  डाँ ओमकार साहू जी

१९. आ.  पूजा शर्मा 'सुगन्धा' जी

२०. आ.  डाँ श्रीमती कमल वर्मा जी

२१. आ.राधा तिवारी 'राधेगोपाल' जी

२२. आ डाँ मंजुला हर्ष श्रीवास्तव   'मंजुल'

२३. आ. आरती श्रीवास्तव 'विपुला' जी

२४.  आ. सुशीला साहू 'विद्या' जी

२५. आ. दीपिका पाण्डेय जी

२६. आ. परमजीत सिंह कहलूरी जी

२७. आ. पूनम दुबे 'वीणा' जी

२८. आ. डॉ इन्दिरा गुप्ता 'यथार्थ' जी

२९. आ. अमिता श्रीवास्तव 'दीक्षा' जी

3०. आ. अनुपमा अग्रवाल 'वृंदा' जी

३१. आ. अनुराधा चौहान 'सुज्ञ' जी

सभी का आभार व्यक्त करते हुए गुरूदेव संजय कौशिक 'विज्ञात' जी ने कहा....

पूर्व के प्रदत्त छंद विषय की तरह इस छंद पर भी आप सभी ने जम कर सृजन किया माँ वीणापाणि आप सभी पर अपना स्नेहाशीष इसी प्रकार से बनाये रखे। मुझे आप सभी का स्नेहाशीष प्राप्त हो रहा है ये भी हर्ष का विषय है 

नमन सहित ढेरों बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ कि अपने मंच का प्रत्येक छंदकार विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान बनाये और कलम की सुगंध छंदशाला के सार्थक प्रयास से प्रत्येक कलम की सुगंध समस्त भूमंडल पर फैलती हुई नव जागृति, नवचेतना, नवसृजन का आभास कराती रहे।

आप सभी के सृजनात्मक सहयोग के लिये आत्मीय आभार और आज के दिवस समीक्षक अनिता सुधीर आख्या जी, चमेली कुर्रे सुवासिता जी, मंच संचालक अनिता मंदिलवार सपना जी नवगीत माला प्रमुख संचालक नीतू ठाकुर विदुषी जी सहित समस्त समीक्षक एवं संचालक मण्डल का आत्मीय आभार प्रेषित करता हूँ आप सभी के सहयोग से कलम की सुगंध छंदशाला मंच कुछ नए कीर्तिमान स्थापित करता हुआ दिख रहा है जो साहित्य समाज में इसके विशेष होने का आभास कराता है। सच तो ये है आप सभी विशेष हैं 

*सभी को ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं💐💐💐*




Sunday 18 October 2020

विज्ञात शक्ति छंद : संजय कौशिक 'विज्ञात'




 कलम की सुगंध की मुख्य मंच संचालक अनिता मंदिलवार सपना के संचालन में दिवस संचालक पूजा शर्मा सुगंध दिवस समीक्षक साखी गोपाल पण्डा की छंदशाला के दिन मुख्य अतिथि
परम माननीय वीरेंद्र सिंह चौहान की विशेष उपस्थित में आदरणीय बाबूलाल शर्मा विज्ञ, आदरणीया अनिता सुधीर आख्या, आदरणीय साखी गोपाल पंडा, आदरणीया चमेली कुर्रे सुवासिता, आदरणीय बोधन राम निषाद राज, आदरणीया इन्द्राणी साहू साँची, धनेश्वरी देवांगन धरा, कन्हैया लाल श्रीवास आस, अर्चना पाठक निरन्तर, सरोज दुबे विधा, पूनम दुबे वीणा, राधा तिवारी राधे गोपाल, गीता द्विवेदी सहित परम माननीय अन्य समस्त समीक्षक एवं संचालक मण्डल का विशेष हार्दिक आभार प्रेषित किया इतना ही नहीं कलम की सुगंध परिवार के अन्य मंच पर भी आज जम कर सृजन किया गया उल्लेखित यह है कि नवगीत माला मंच प्रमुख संचालक नीतू ठाकुर विदुषी, कविता माला सह संचालक राज लक्ष्मी पाण्डेय, विश्व साहित्य नारी कोष अध्यक्ष डॉ. अनीता भारद्वाज अर्णव  जी के विशेष सृजन आयोजन से मंच पर लगभग 100 के करीब रचनाकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की ये सभी रचनाकार छंद में अपने - अपने विशेष छंद के मर्मज्ञ कहे जाते हैं जिनके मध्य हरियाणा ग्रन्थ अकादमी के उपाध्यक्ष माननीय वीरेंद्र सिंह चौहान जी की विशेष उपस्थिति एवं उनके मुखारविंद से इस नूतन छंद का 'विज्ञात शक्ति छंद' नामकरण किया गया। 

मंच पर विधिवत पंच परमेश्वर विराजमान किये गए
पंच परमेश्वराय:नम: 
आदरणीय वीरेन्द्र सिंह चौहान हरियाणा ग्रंथ अकादमी  की अध्यक्षता में छंद शाला के प्रबुद्ध छंदकार- श्री बाबू लाल शर्मा बौहरा विज्ञ, डॉ. अनीता भारद्वाज अर्णव, अनिता सुधीर आख्या, साखी गोपाल पंडा, पूजा शर्मा सुगंध, बोधन राम निषादराज जी, इन्द्राणी साहू साँची जी की विवेचना, समीक्षा व सहमति के आधार पर एवं पटल के सुधि छंदकारों की इस छंद पर रचनाओं के आधार पर आज हिन्दी साहित्य हेतु एक नवीन छंद  "विज्ञात शक्ति छंद"  को सहर्ष मान्यता प्रदान की जाती है।

छंद--  विज्ञात शक्ति छंद
                (सम मात्रिक छंद)
छंद आविष्कारक- *श्री संजय कौशिक "विज्ञात"*

आज दिनांक 18.10.2020

*छंद के लिए नियम*

1 इसकी मापनी की प्रथम चरण में 8 मात्राएं रहेंगी 3+3+2 या चौकल + चौकल भी हो सकती हैं 
2 द्वितीय चरण में 10 मात्राएं रहेंगी इसमें भी किसी त्रिकल और चौकल की बाध्यता नहीं है
3 यति 8,10 पर रहेगी 
4 चार पंक्ति यति के साथ 8 चरण का छंद है
5 चारों ही पंक्ति में तुकबंदी समान रहेगी।
6 उत्तम लय के लिए अंत सम मात्रा से ही दो लघु या 1 गुरु से होना चाहिए अर्थात अंत में 211, 112, 22 करके  चौकल आने से लय उत्तम बनती है।
7 इसमें वर्णों की संख्या की बाध्यता नहीं है न प्रथम चरण में न द्वितीय चरण में कुल मिला कर 18 मात्राएं होनी अनिवार्य हैं। 
8 ध्यान रहे 10 मात्रा वाले हिस्से के अंत में गाल नहीं आएगा लगा और चौकल दोनों ही मान्य रहेंगे।
9 लेखन में बिल्कुल सरल है लेखनी दौड़ कर चलती है इस छंद पर

*गीत के लिए नियम*
1 इसकी मापनी की प्रथम पंक्ति में 8 मात्राएं रहेंगी 3+3+2 या चौकल + चौकल भी हो सकती हैं 
2 द्वितीय पंक्ति में 10 मात्राएं रहेंगी इसमें भी किसी त्रिकल और चौकल की बाध्यता नहीं है
3 उत्तम लय के लिए अंत सम मात्रा से ही दो लघु या 1 गुरु से 
4 इसमें वर्णों की संख्या की बाध्यता नहीं है न पहली पंक्ति में न दूसरी पंक्ति में
5 लेखन में बिल्कुल सरल है लेखनी दौड़ कर चलती है इस मापनी पर।
🙏🙏
*सादर*
*बाबू लाल शर्मा, बौहरा, विज्ञ*
.             वास्ते✍
*कलम की सुगंध छंदशाला*
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अपनी सहमति प्रदान करते हुए साखी गोपाल पण्डा जी ने कहा....

हालांकि आज के इस छन्द के नाम पर चर्चा अवश्य होनी चाहिए ।

छन्दमर्मज्ञ श्री जगन्नाथ प्रसाद भानु रचित पुस्तक "छन्द सारावली" अनुसार 18 मात्राओं के छन्द 2 प्रकार के बताए गए हैं जिसमें पदान्त गुरु(S) होने पर उसे "शक्ति छन्द" का नाम दिया गया है । 
आज पटल पर प्रस्तुत छन्द की मापनी भी इसी मात्राभार एवं पदान्त पर आधारित है , जबकि शक्ति छन्द में 8 एवं 10 मात्राओं पर तुकान्त सम्बंधित कोई विशेष नियम अनुपलब्ध हैं ।

इसलिए इसे एक नए छन्द के रूप में अवश्य गिना जा सकता है ।

चूँकि यह छन्द आदरणीय श्री संजय कौशिक 'विज्ञात' जी द्वारा प्रथम सृजित है, इसलिए इसे "विज्ञात शक्ति छन्द" का नाम दिया जाना तर्कसम्मत है, यदि किसी अन्य छन्द ग्रन्थ में यह मापनी किसी छन्द के लिए प्रयुक्त न हुई हो ।

सहमत 🙋🏻‍♂️
साखी गोपाल पण्डा

दिवस संचालिका पूजा शर्मा सुगंध जी ने सृजन करने वाले सभी रचना कारों का आभार व्यक्त करते हुए कहा...

आज पटल पर आप सभी की लेखनी ने नवल छंद पर बहुत सुंदरसृजन किया।आप सभी का हार्दिक आभार अभिनन्दन🙏🙏🙏🙏🙏🙏
एवं सुंदर सृजन के लिए हृदय तल से बहुत बहुत बहुत बधाई ।भविषय में भी आपकी लेखनी यूँ ही महकती रहे यही शुभकामना है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
आज जिन रचनाकारों ने पटल को सुगंधित किया ...
*आदरणीय नवनीत चौधरी विदेह जी
*आदरणीया अनीता सुधीर आख्या जी
*आदरणीया राधा तिवारी राधेगोपाल जी
*आदरणीय सौरभ प्रभात जी
*आदरणीया चंद्र किरण शर्मा जी
*आदरणीया डा कमल वर्मा जी
*आदरणीय गुलशन कुमार साहसी जी
*आदरणीय रानू मिश्रा जी
*आदरणीया सुखमिला अग्रवाल जी
आदरणीया डा सरला सिंह स्निग्धा जी
*आदरणीया कुसुम कोठारी प्रज्ञा जी
*आदरणीया सरोज दुबे विधा जी
*आदरणीया सीमा अवस्थी जी
*आदरणीया अरुणा साहू जी
*आदरणीया प्रेमलता शर्मा आयुमी जी
*आदरणीया अनुपमा अग्रवाल वृंदा जी
*आदरणीया आशा शुक्ला जी
*आदरणीया इन्द्राणी साहू साँची जी
आदरणीया आशा किरण मेहर जी
*आदरणीया वंदना गोपाल शर्मा शैली जी
*आदरणीया अलका जैन आनंदी जी
*आदरणीया निधि सहगल विदिता जी
*आदरणीया धनेश्वरी सोनी गुल जी
*आदरणीया अमिता श्रीवास्तव दीक्षा जी
* आदरणीया अनुराधा चौहान 'सुधी' जी
* आदरणीया अभिलाषा चौहान 'सुज्ञ' जी
* आदरणीया डॉ इन्दीरा गुप्ता 'यथार्थ' जी
* आदरणीया डॉ मीता अग्रवाल 'मधुर' जी
* आदरणीया नीतू ठाकुर 'विदुषी' जी
* आदरणीया सुशीला साहू 'विद्या' जी
* आदरणीया धनेश्वरी देवांगन 'धरा' जी
* आदरणीया रीना सिंह जी
* आदरणीय कन्हैयालाल श्रीवास 'आस'

आप सभी का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूँ 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

इस अविस्मरणीय दिवस पर कलम की सुगंध परिवार के सभी सदस्यों ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। कलम की सुगंध काव्यमंच की मुख्य संचालिका डॉ अनिता रानी भारद्वाज 'अर्णव' जी और गायिका शुभा मेहता जी ने "विज्ञात शक्ति छंद " को अपनी सुरीला आवाज में गाया तो सभी श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए। गुरुदेव संजय कौशिक विज्ञात जी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनके जीवन का वह अविस्मरणीय दिन है जिसने खुशियों से उनकी झोली भर दी। कार्यक्रम सफल बनाने के लिए मुख्य मंच संचालिका अनिता मंदिलवार 'सपना' जी के साथ-साथ समीक्षक और संचालक मंडल का आभार व्यक्त किया और मुख्य अतिथि श्री वीरेंद्र सिंह चौहान जी का विशेष आभार व्यक्त करते हुए भावुक हो उठे। यह निःसंदेह कलम की सुगंध परिवार के लिए अविस्मरणीय क्षण है।