कलम की सुगंध की मुख्य मंच संचालक अनिता मंदिलवार सपना के संचालन में दिवस संचालक पूजा शर्मा सुगंध दिवस समीक्षक साखी गोपाल पण्डा की छंदशाला के दिन मुख्य अतिथि
परम माननीय वीरेंद्र सिंह चौहान की विशेष उपस्थित में आदरणीय बाबूलाल शर्मा विज्ञ, आदरणीया अनिता सुधीर आख्या, आदरणीय साखी गोपाल पंडा, आदरणीया चमेली कुर्रे सुवासिता, आदरणीय बोधन राम निषाद राज, आदरणीया इन्द्राणी साहू साँची, धनेश्वरी देवांगन धरा, कन्हैया लाल श्रीवास आस, अर्चना पाठक निरन्तर, सरोज दुबे विधा, पूनम दुबे वीणा, राधा तिवारी राधे गोपाल, गीता द्विवेदी सहित परम माननीय अन्य समस्त समीक्षक एवं संचालक मण्डल का विशेष हार्दिक आभार प्रेषित किया इतना ही नहीं कलम की सुगंध परिवार के अन्य मंच पर भी आज जम कर सृजन किया गया उल्लेखित यह है कि नवगीत माला मंच प्रमुख संचालक नीतू ठाकुर विदुषी, कविता माला सह संचालक राज लक्ष्मी पाण्डेय, विश्व साहित्य नारी कोष अध्यक्ष डॉ. अनीता भारद्वाज अर्णव जी के विशेष सृजन आयोजन से मंच पर लगभग 100 के करीब रचनाकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की ये सभी रचनाकार छंद में अपने - अपने विशेष छंद के मर्मज्ञ कहे जाते हैं जिनके मध्य हरियाणा ग्रन्थ अकादमी के उपाध्यक्ष माननीय वीरेंद्र सिंह चौहान जी की विशेष उपस्थिति एवं उनके मुखारविंद से इस नूतन छंद का 'विज्ञात शक्ति छंद' नामकरण किया गया।
मंच पर विधिवत पंच परमेश्वर विराजमान किये गए
पंच परमेश्वराय:नम:
आदरणीय वीरेन्द्र सिंह चौहान हरियाणा ग्रंथ अकादमी की अध्यक्षता में छंद शाला के प्रबुद्ध छंदकार- श्री बाबू लाल शर्मा बौहरा विज्ञ, डॉ. अनीता भारद्वाज अर्णव, अनिता सुधीर आख्या, साखी गोपाल पंडा, पूजा शर्मा सुगंध, बोधन राम निषादराज जी, इन्द्राणी साहू साँची जी की विवेचना, समीक्षा व सहमति के आधार पर एवं पटल के सुधि छंदकारों की इस छंद पर रचनाओं के आधार पर आज हिन्दी साहित्य हेतु एक नवीन छंद "विज्ञात शक्ति छंद" को सहर्ष मान्यता प्रदान की जाती है।
छंद-- विज्ञात शक्ति छंद
(सम मात्रिक छंद)
छंद आविष्कारक- *श्री संजय कौशिक "विज्ञात"*
आज दिनांक 18.10.2020
*छंद के लिए नियम*
1 इसकी मापनी की प्रथम चरण में 8 मात्राएं रहेंगी 3+3+2 या चौकल + चौकल भी हो सकती हैं
2 द्वितीय चरण में 10 मात्राएं रहेंगी इसमें भी किसी त्रिकल और चौकल की बाध्यता नहीं है
3 यति 8,10 पर रहेगी
4 चार पंक्ति यति के साथ 8 चरण का छंद है
5 चारों ही पंक्ति में तुकबंदी समान रहेगी।
6 उत्तम लय के लिए अंत सम मात्रा से ही दो लघु या 1 गुरु से होना चाहिए अर्थात अंत में 211, 112, 22 करके चौकल आने से लय उत्तम बनती है।
7 इसमें वर्णों की संख्या की बाध्यता नहीं है न प्रथम चरण में न द्वितीय चरण में कुल मिला कर 18 मात्राएं होनी अनिवार्य हैं।
8 ध्यान रहे 10 मात्रा वाले हिस्से के अंत में गाल नहीं आएगा लगा और चौकल दोनों ही मान्य रहेंगे।
9 लेखन में बिल्कुल सरल है लेखनी दौड़ कर चलती है इस छंद पर
*गीत के लिए नियम*
1 इसकी मापनी की प्रथम पंक्ति में 8 मात्राएं रहेंगी 3+3+2 या चौकल + चौकल भी हो सकती हैं
2 द्वितीय पंक्ति में 10 मात्राएं रहेंगी इसमें भी किसी त्रिकल और चौकल की बाध्यता नहीं है
3 उत्तम लय के लिए अंत सम मात्रा से ही दो लघु या 1 गुरु से
4 इसमें वर्णों की संख्या की बाध्यता नहीं है न पहली पंक्ति में न दूसरी पंक्ति में
5 लेखन में बिल्कुल सरल है लेखनी दौड़ कर चलती है इस मापनी पर।
🙏🙏
*सादर*
*बाबू लाल शर्मा, बौहरा, विज्ञ*
. वास्ते✍
*कलम की सुगंध छंदशाला*
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
अपनी सहमति प्रदान करते हुए साखी गोपाल पण्डा जी ने कहा....
हालांकि आज के इस छन्द के नाम पर चर्चा अवश्य होनी चाहिए ।
छन्दमर्मज्ञ श्री जगन्नाथ प्रसाद भानु रचित पुस्तक "छन्द सारावली" अनुसार 18 मात्राओं के छन्द 2 प्रकार के बताए गए हैं जिसमें पदान्त गुरु(S) होने पर उसे "शक्ति छन्द" का नाम दिया गया है ।
आज पटल पर प्रस्तुत छन्द की मापनी भी इसी मात्राभार एवं पदान्त पर आधारित है , जबकि शक्ति छन्द में 8 एवं 10 मात्राओं पर तुकान्त सम्बंधित कोई विशेष नियम अनुपलब्ध हैं ।
इसलिए इसे एक नए छन्द के रूप में अवश्य गिना जा सकता है ।
चूँकि यह छन्द आदरणीय श्री संजय कौशिक 'विज्ञात' जी द्वारा प्रथम सृजित है, इसलिए इसे "विज्ञात शक्ति छन्द" का नाम दिया जाना तर्कसम्मत है, यदि किसी अन्य छन्द ग्रन्थ में यह मापनी किसी छन्द के लिए प्रयुक्त न हुई हो ।
सहमत 🙋🏻♂️
साखी गोपाल पण्डा
दिवस संचालिका पूजा शर्मा सुगंध जी ने सृजन करने वाले सभी रचना कारों का आभार व्यक्त करते हुए कहा...
आज पटल पर आप सभी की लेखनी ने नवल छंद पर बहुत सुंदरसृजन किया।आप सभी का हार्दिक आभार अभिनन्दन🙏🙏🙏🙏🙏🙏
एवं सुंदर सृजन के लिए हृदय तल से बहुत बहुत बहुत बधाई ।भविषय में भी आपकी लेखनी यूँ ही महकती रहे यही शुभकामना है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
आज जिन रचनाकारों ने पटल को सुगंधित किया ...
*आदरणीय नवनीत चौधरी विदेह जी
*आदरणीया अनीता सुधीर आख्या जी
*आदरणीया राधा तिवारी राधेगोपाल जी
*आदरणीय सौरभ प्रभात जी
*आदरणीया चंद्र किरण शर्मा जी
*आदरणीया डा कमल वर्मा जी
*आदरणीय गुलशन कुमार साहसी जी
*आदरणीय रानू मिश्रा जी
*आदरणीया सुखमिला अग्रवाल जी
आदरणीया डा सरला सिंह स्निग्धा जी
*आदरणीया कुसुम कोठारी प्रज्ञा जी
*आदरणीया सरोज दुबे विधा जी
*आदरणीया सीमा अवस्थी जी
*आदरणीया अरुणा साहू जी
*आदरणीया प्रेमलता शर्मा आयुमी जी
*आदरणीया अनुपमा अग्रवाल वृंदा जी
*आदरणीया आशा शुक्ला जी
*आदरणीया इन्द्राणी साहू साँची जी
आदरणीया आशा किरण मेहर जी
*आदरणीया वंदना गोपाल शर्मा शैली जी
*आदरणीया अलका जैन आनंदी जी
*आदरणीया निधि सहगल विदिता जी
*आदरणीया धनेश्वरी सोनी गुल जी
*आदरणीया अमिता श्रीवास्तव दीक्षा जी
* आदरणीया अनुराधा चौहान 'सुधी' जी
* आदरणीया अभिलाषा चौहान 'सुज्ञ' जी
* आदरणीया डॉ इन्दीरा गुप्ता 'यथार्थ' जी
* आदरणीया डॉ मीता अग्रवाल 'मधुर' जी
* आदरणीया नीतू ठाकुर 'विदुषी' जी
* आदरणीया सुशीला साहू 'विद्या' जी
* आदरणीया धनेश्वरी देवांगन 'धरा' जी
* आदरणीया रीना सिंह जी
* आदरणीय कन्हैयालाल श्रीवास 'आस'
आप सभी का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूँ 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
इस अविस्मरणीय दिवस पर कलम की सुगंध परिवार के सभी सदस्यों ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। कलम की सुगंध काव्यमंच की मुख्य संचालिका डॉ अनिता रानी भारद्वाज 'अर्णव' जी और गायिका शुभा मेहता जी ने "विज्ञात शक्ति छंद " को अपनी सुरीला आवाज में गाया तो सभी श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए। गुरुदेव संजय कौशिक विज्ञात जी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनके जीवन का वह अविस्मरणीय दिन है जिसने खुशियों से उनकी झोली भर दी। कार्यक्रम सफल बनाने के लिए मुख्य मंच संचालिका अनिता मंदिलवार 'सपना' जी के साथ-साथ समीक्षक और संचालक मंडल का आभार व्यक्त किया और मुख्य अतिथि श्री वीरेंद्र सिंह चौहान जी का विशेष आभार व्यक्त करते हुए भावुक हो उठे। यह निःसंदेह कलम की सुगंध परिवार के लिए अविस्मरणीय क्षण है।
बहुत सुंदर श्रेष्ठ उपलब्धि उत्तम कार्य, छंद विकास कार्य जम कर हो रहे हैं नमन आपके सतत श्रम एवं प्रयास को
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई आदरणीय गुरूदेव ।हमें गर्व है हम सभी आपके सानिध्य में कुछ सीख रहे हैं ।
ReplyDeleteइतने सुंदर आयोजन की साक्षी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ इसके लिये आदरणीय विज्ञात सर, आदरणीया सपना जी व आदरणीया विदुषी जी की हृदयतल से आभारी हूँ।बहुत ही शानदार आयोजन रहा और भविष्य में भी इस तरह के सफल आयोजन होते रहें यही कामना करती हूँ।
ReplyDeleteबहुत शानदार आयोजन परम आदरेय बाबूजी के जन्मदिवस के पुण्य पावन अवसर पर नवीन सृजन का अविष्कार एवं नामकरण हुआ। अत्यंत हर्ष व आनंदमय क्षण इस ऐतिहासिक दिवस के हम साक्षी बने ।
ReplyDeleteआदरणीय बाबूजी एवं गुरुवर जी , अर्णव दीदी का आशीर्वाद व छत्र छाया में कलम की सुगंध समूह सदा ही अपनी अनेकानेक उपलब्धियों से चिर चिरंतन तक सुवासित रहे ।
आप सभी को हार्दिक. बधाई ।गुरुवर जी को गृह प्रवेश की हार्दिक बधाई ।
लगता है कोरोना रूपी तप्त रेगिस्तान पर साहित्य रूपी बरखा की बूंदें बरसी हो ।
ReplyDeleteनव छंद "विज्ञात शक्ति छंद" के रचेता आदरणीय गुरुदेव को अशेष शुभकामनाएं और बधाइयाँ, माँ सरस्वती की अनुकम्पा आप पर उत्तरोत्तर बनी रहे और साहित्य सेवा में आप सदा नव प्रतिमान स्थापित करते रहें।
ये सभी अविस्मरणीय पल हैं
हम सभी आदृत हैं।
अशेष शुभकामनाएं।
कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'
सुदृढ़ सफल बल आपका
ReplyDeleteअनुपम तेज विद्वान
आ विज्ञात ज़ी रच गये
योग छन्द महान !
आ विज्ञात ज़ी पावन पर्व पिता का जन्म दिन.और गृह प्रवेश का शुभ अवसर उसपर सोने पर सुहागे सा छन्द योग का रचना ...किन शब्दो मेंं बधाई दी .जाएं असमंजस मेंं मन है ॥
पिता के सन्मुख पुत्र चढ़े ऊंचाई का आसमान
पिता धन्य सा हो गया पाकर ऐसी सन्तान ॥
चन्द पन्क्तियाँ आपको आपके पिता dono.को समर्पित ...
चले निरन्तर जीवन यात्रा
पूरे बरस हजार
हर पड़ाव लपरा घुलता जाये
यूही रंग अबीर गुलाल ॥
बहुत बहुत बधाई
डॉ़ इन्दिरा गुप्ता यथार्थ
सर्वप्रथम आदरणीय गुरुदेव को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं🌷🌷🌷🌷आदरणीया अनीता दीदी जी और आदरणीया नीतू जी का हृदय तल से आभार व्यक्त करती हूँ कि उन्होंने मुझे इस अविस्मरणीय शानदार आयोजन में सहभागिता का अवसर प्रदान किया ।आपके सानिध्य में दिन प्रतिदिन कुछ नया सीखने का अवसर प्राप्त हो रहा है इसके लिए मैं ईश्वर कको नमन करती हूँ ।माँ शारदे की कृपा आप पर इसी तरह बनी रहे और आप साहित्य जगत में नित्य नवीन छंदों का सृजन करते रहे🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई आप सभी को बहुत ही शानदार आयोजन और सुदंर
ReplyDeleteअप्रतिम बधाइयां
ReplyDelete