Tuesday, 27 April 2021

साँची छंद पर इन्द्राणी साहू 'साँची' का गीत


 गुरुदेव संजय कौशिक 'विज्ञात' जी द्वारा निर्मित साँची छंद पर गीत

साँची छंद
221 222 , 221 221 22
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
हनुमान बजरंगी
है आप का ही सहारा ।
कर त्याग चिंता का
नित नाम जपती तुम्हारा ।।

हो वीर अतुलित तुम
हे भक्त सिय के दुलारे ।
बनकर सखा तुम ही
सुग्रीव के दुख निवारे ।
जो भी शरण आया
दुख से तुम्हीं ने उबारा ।
हनुमान बजरंगी
है आप का ही सहारा ।।

सुत अंजना के बन
मद भानु का तोड़ आए ।
रुकते न क्षण भर भी
जब भक्त तुमको बुलाए ।
प्रभु नाम जो जप ले
पाता वही तो किनारा ।
हनुमान बजरंगी
है आप का ही सहारा ।।

सिय सुधि तुम्हीं लाए
लंका दनुज की जलाए ।
उड़ते फिरे अंबर
सुभदा पवन सुत कहाए ।
पीड़ित पतित जन का
जीवन तुम्हीं ने सँवारा ।
हनुमान बजरंगी
है आप का ही सहारा ।।

नित नाम हनुमत लो
सियराम आशीष पाओ ।
श्री राम के प्रिय को
कर वंदना ही मनाओ ।
बिन नाम हनुमत के
जग में नहीं है गुजारा ।
हनुमान बजरंगी
है आप का ही सहारा ।।

         *इन्द्राणी साहू"साँची"*
         भाटापारा (छत्तीसगढ़)    
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●


1 comment:

  1. बहुत बहुत सुंदर सृजन ।
    भक्ति भाव से परिपूर्ण।
    सुंदर शिल्प।
    बधाई।

    ReplyDelete