Tuesday, 27 April 2021

समालखा के विज्ञात ने दिए साहित्य जगत को 106 नूतन छंद

समालखा पानीपत (हरियाणा) के सहित्यकार संजय कौशिक विज्ञात ने 106 नूतन छंदों का निर्माण कर हिन्दी साहित्य को एक अनुपम भेंट दी है। जिसकी कल्पना करना भी असंभव था उसे उन्होंने यथार्थ में कर दिखाया। कलम की सुगंध साहित्यिक मिशन के संस्थापक संजय कौशिक 'विज्ञात' ने सभी छंदों के नाम अपने द्वारा कवि कवयित्रियों को दिए गए उपनामों पर रखे हैं। अपने नाम का छंद पाकर कवि परिवार अत्यंत हर्षित है। शुभकानाओं के माध्यम से सभी ने गुरुदेव संजय कौशिक 'विज्ञात' जी  का आभार व्यक्त किया और अनेकों छंदों पर रचनाएँ लिखी गई। 


 



पत्रकार सुरेश निरंकारी जी का बहुत बहुत आभार उन्होंने इस खबर को अपने वर्तमान पत्र में प्रकाशित किया 💐💐💐💐💐💐💐





पत्रकार सैनी जी का बहुत बहुत आभार उन्होंने अर्थ प्रकाश न्यूज पेपर में इस खबर को प्रकाशित किया।





मुम्बई के स्थाई निवासी समालखा भास्कर के पत्रकार अरविंद जी का हार्दिक आभार 🙏

कलमकारों द्वारा गुरुदेव को समर्पित शब्द सुमन खूबसूरत गीत और नवगीत के रूप में प्रेषित हुए। 







कलम की सुगंध परिवार के लिए हनुमान जन्मोत्सव द्विगुणित खुशियों भरा रहा। अनेक कलमकारों ने इन छंदों पर अपनी कलम चलाई ।अपने नाम का छंद पाकर कलमकारों के मन में अत्यंत खुशी है जो उन्होंने शुभकानाओं के रूप में प्रेषित की। सभी को हार्दिक बधाई 💐💐💐💐

2 comments:

  1. गुरुदेव को अनंत शुभकामनाएं 💐💐💐
    कलम की सुगंध परिवार को ढेर सारी बधाई। 106 छंदों का निर्माण अपने आप में एक अनोखा कार्य है जिसकी जितनी तारीफ करें कम है 🙏

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  2. आश्चर्यजनक! अनुपम, अद्भुत, अद्वितीय, ।
    १०६ छंद अनूठा योगदान, साहित्य संसार को युगों-युगों तक आपकी ये अपूर्व देन लाभान्वित करती रहेगी ।
    माँ वाग्देवी,आप पर सदा ऐसे ही अनुकंपा बनाये रखें।
    आप के सानिध्य में आपके द्वारा रचित विधान पर सृजन करना सुखद रहा ।
    क्योंकि शिल्प सहज ही लेखनी की पकड़ में आ गया।
    इस यात्रा में आपके द्वारा दिए गए सहयोग के लिए आत्मीय आभार ।
    आपके दिये उपनाम अब हमारी पहचान है, उसपर सोने पर सुहागा कि हम सभी सह रचनाकारों के, आपके द्वारा प्रदत्त उपनामों पर ही, आपने ये १०६ छंदों का नामकरण कर के
    हमें जो सम्मान दिया है वो शिष्य गुरु परम्परा का एक अभूतपूर्व उदाहरण है हम सभी इस उपादान के लिए सदा आपके ऋणी रहेंगे।
    सादर आभार, पुनः अनंत बधाई।

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